Bhopal Gun Shot: पुलिस चौकी में तैनात कर्मचारियों को भी चार गोलियों की गूंज सुनाई नहीं दी, पुलिस के पकड़ने के तरीकों से वाकिफ आरोपी ने अफसरों की फौज को बना दिया मजाक, जिसे सुराग समझकर आगे बड़ी पुलिस वहां आरोपी के शातिर होने की जानकारी मिली, उत्तर प्रदेश में चल रही सर्चिंग

भोपाल। राजधानी के सर्वाधिक संवेदनशील इलाके में एक—एक करके चार गोलियां चलाने वाला आरोपी काफी शातिर हैं। यह वारदात भोपाल (Bhopal Gun Shot) शहर के अरेरा हिल्स थाना क्षेत्र में हुई थी उसने पुलिस को दो दिनों से अपने तरीके से घुमा रखा है। पुलिस जिसे सुराग समझ रही थी वह आरोपी की चालाकी निकली। आलम यह है कि दो दिन बीत जाने के बावजूद आरोपी को दबोचने में जुटी पुलिस अफसरों की फौज अभी भी खाली हाथ है।
ड्रायवरी का कर रहा था काम
पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी दीपेंद्र गुर्जर (Deependra Gurjar) जयपुर जाने वाली ट्रेन (Train) में चढ़ा था। लेकिन, वह बीच में स्टेशन पर उतरकर बस (Bus) के रास्ते शहर से बाहर निकला। इसके बाद बैरसिया थाना क्षेत्र में स्थित एक परिचित की मदद से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में घुस गया। उसके पास जो मोबाइल (Mobile) था वह पुलिस को चालू नहीं मिला है। उसके मोबाइल के पीएसटीएन रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस को अपनी कमजोरी का अहसास हुआ। इस कारण पुलिस के अधिकारियों ने भी बातचीत करने के लिए मीडिया से दूरी बना ली है। आरोपी दीपेंद्र गुर्जर मूलत: मुरैना (Morena) जिले का रहने वाला है। उसके पिता ग्वालियर (Gwalior) जिले में नौकरी करते हैं। उसके माता—पिता के साथ ही पत्नी भी रहती है। वहां गई टीम खाली हाथ लौट आई है। आरोपी दो महीना पहले ही सामाजिक कार्यकर्ता लोकेंद्र गुर्जर (Lokendra Gurjar) के पास नौकरी मांगने गया था। समाज का होने के चलते उसे ड्रायवरी के काम में रखा था। लोकेंद्र गुर्जर को भोपाल एम्स (Bhopal AIIMS) में छोड़कर बिना बताए घटना वाले दिन चला गया था। इसके बाद वह रायफल लेने चार इमली में स्थित लोकेंद्र गुर्जर के घर आया। यह बात उन्हें पता नहीं थी। आरोपी चार इमली (Chaar Imli) के पास स्थित लोकेंद्र गुर्जर के कार्यालय में ही रहता है।
यह है पूरा घटनाक्रम जो पुलिस के लिए चुनौती बना है
अरेरा हिल्स (Arera Hills) थाना पुलिस को वह कार (Car) लावारिस मिल गई है जिसको लेकर आरोपी घटना स्थल पर पहुंचा था। उसके बाद वह जयपुर (Jaipur) जाने वाली ट्रेन में सवार हुआ था। हालांकि वह किसी अन्य स्थान पर ट्रेन से उतर गया है। मामले की जांच में अरेरा हिल्स के अलावा हबीबगंज बागसेवनिया और एमपी नगर थाना पुलिस जुटी है। आरोपी दीपेंद्र गुर्जर को पकड़ने के लिए चार विशेष टीम बनी है। उसने श्याम विजयवर्गीय (Shyam Vijayvargiya) पिता गोपाल विजयवर्गीय उम्र 21 साल को गोली मारी थी। जख्मी युवक अपने पिता गोपाल विजयवर्गीय (Gopal Vijayvargiya) केे साथ एमपी ऑनलाइन दुकान चलाते हैं। यह दुकान राजभवन (Raj Bhawan) के नजदीक हैं। पिता-पुत्र कोलार रोड (Kolar Road) थाना क्षेत्र स्थित बीमाकुंज (Beemakunj) में रहते हैं। उनकी दुकान में 24 अक्टूबर की शाम चार बजे सफेद रंग की कार लेकर आरोपी दीपेंद्र गुर्जर पहुंचा था। उसने 30 हजार रुपए अपने ही खाते का क्यूआर कोड देकर पीड़ित पिता-पुत्र को जमा करने के लिए बोला था। इसके वह 80 हजार रुपए भेजने का बोला तो उससे पहले 30 हजार रुपए मांगे गए। जिसके बाद वह कार के पास पहुंचा और उसने रायफल निकालकर दुकान में बैठे श्याम विजयवर्गीय के कमर के पास मार दी थी। वह जान बचाने के लिए दुकान से बाहर भागा। आरोपी उसका पीछा करते हुए बाहर निकला तो उसने एक-एक करके तीन हवाई फायर किए। जिसमें से एक गोली अक्षय ज्वैलर्स (Akshay Jewellers) में जाकर लगी थी।
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