Bhopal Gangrape: प्रेमी ने दोस्त के सामने परोसा, गर्भवती होने पर उजागर हुआ राज, होटल संचालक की भूमिका भी संदिग्ध, चार आरोपियों को गिरफ्तार कर गुपचुप जेल भेजा

भोपाल। राजधानी एक बार फिर शर्मसार हो गई है। यहां एक नाबालिग के साथ गैंगरेप किया गया। घटना पर पुलिस ने किरकिरी होने से बचने के लिए मीडिया से मामले को भी दबाया। इस पूरे घटनाक्रम की कहानी भी बदली गई। यह पूरा सनसनीखेज मामला भोपाल (Bhopal Gangrape) शहर के कोलार रोड थाना क्षेत्र का है। इसमें पुलिस ने गैंगरेप करने वाले दो आरोपियों के साथ—साथ होटल मैनेजर और एक महिला को भी आरोपी बनाया है। इन सभी आरोपियों को गुपचुप तरीके से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पूरी वारदात तब उजागर हुई जब गैंगरेप नाबालिग गर्भवती हुई।
बर्थडे पार्टी में शामिल होने के बहाने होटल बुलाया
सूत्रों के अनुसार इस मामले में मुख्य आरोपी शाहपुरा (Shahpura) थाना क्षेत्र के त्रिलंगा में रहने वाला सुमित उपाध्याय (Sumit Upadhyay) हैं। उसकी पहचान 17 वर्षीय पीड़िता से स्कूल में हुई थी। पीड़िता कक्षा बारहवीं की छात्रा है। पीड़िता का परिचित दोस्त 20 वर्षीय प्रणय रायबोले (Pranay Raibole) हैं। प्रणय के जरिए ही सुमित उपाध्याय से उसका परिचय हुआ था। प्रणय रायबोले ने जून, 2025 में पीड़िता को फोन करके बर्थडे पार्टी में शामिल होने के बहाने होटल आरवी पैलेस (Hotel RV Palace) बुलाया था। यह होटल राजहर्ष कॉलोनी (Rajharsh Colony) में हैं। इस होटल के मैनेजर अमित वर्मा (Amit Verma) हैं। होटल में पीड़िता पहुंची तो वहां सुमित उपाध्याय और प्रणय रायबोले ने उसके साथ गैंगरेप किया। कोलार रोड थाना प्रभारी संजय सोनी (TI Sanjay Soni) का कहना है कि पीड़िता गर्भवती हो गई थी। यह बात उसने आरोपियों को बताई तो उसको समझाने के लिए नित्या ठाकरे (Nitya Thakre) को भेजा गया। वह उसको कार से उठाकर अपने साथ महाबली नगर (Mahabali Nagar) स्थित एक किराए के कमरे में ले आई। यहां से उसने पिता को मैसेज किया था। जिसके बाद यह पूरा मामला उजागर हुआ। थाना प्रभारी का कहना है कि आरोपियों को दबोच लिया गया है। सभी को जेल भेज दिया गया है।
कहानी की दूसरी सच्चाई जिस पर अफसर चुप
पुलिस सूत्रों ने बताया कि नाबालिग ने गर्भवती होने की जानकारी परिजनों को बता दी थी। जिसके बाद परिजन उसे लेकर थाने पहुंचे थे। लेकिन, गैंगरेप का मामला सीधे मीडिया (Media) में उजागर होता तो किरकिरी होती। इसलिए अपहरण से लेकर वारदात में सभी आरोपियों की भूमिका को लेकर कहानी गढ़ी गई। इसलिए इस मामले में पुलिस ने झांसा देकर अगवा करने का प्रकरण दर्ज किया। इस मामले में नाबालिग को बरामद करना बताया गया। उसके बयानों और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर गैंगरेप, बंधक बनाने, पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया। जबकि कोलार रोड थाने में 21 अगस्त की रात साढ़े दस बजे गुमशुदगी दर्ज हुई थी। जिसके बाद ही कोलार रोड (Kolar Road) थाना पुलिस ने ही बारह मिनट बाद ही अपहरण का भी प्रकरण दर्ज कर लिया। उसके बाद बलात्कार समेत अन्य धाराओं को अपने हिसाब से दर्ज किया गया ताकि मीडिया को इस बात की भनक नहीं लग सके। हालांकि कोलार रोड थाना प्रभारी संजय सोनी ने इन आरोपों को निराधार बताया। वहीं जांच कर रही महिला अधिकारी एसआई संगीता काजले (SI Sangeeta Kajle) भी इस पूरे मामले में बचती रही। उन्होंने बातचीत ही नहीं की।
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