Education Society Fraud: पति—पत्नी पर कूटरचित दस्तावेजों की मदद से फर्जीवाड़ा करके पंद्रह करोड़ रुपए का हेरफेर करने का आरोप,ईओडब्ल्यू से शिकायत

भोपाल। शिक्षा समिति को फर्जी दस्तावेजों की मदद से हड़पने और करीब पंद्रह करोड़ रुपए की राशि हड़पने के आरोप पति—पत्नी पर लगे हैं। इस संबंध में भोपाल ईओडब्ल्यू (Education Society Fraud) में भी शिकायत हुई है। शिकायत में कहा गया है कि यह पूरा फर्जीवाड़ा फर्म एंड सोसायटी में तैनात एक कर्मचारी की मदद से अंजाम दिया गया। यह राज उजागर हुआ तो आरोप है कि वास्तविक मालिक की पत्नी को धमकाया भी गया। पुलिस से इस मामले में शिकायत हुई थी। लेकिन, जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो ईओडब्ल्यू के पास यह मामला पहुंचा।
फर्जी दस्तावेज बनाकर समिति पर किया कब्जा
इस पूरे मामले में नीलिमा जौहरी (Neelima Johri) ने ईओडब्ल्यू (EOW) में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि पति विजय जौहरी (Vijay Johri) 1996 से आशा शिक्षा समिति (Asha Shiksha Samiti) का संचालन कर रहे थे। समिति में अंकित त्रिवेदी (Ankit Trivedi) काम करता था। पति का 2016 में निधन हो गया। जिसके बाद उसने पत्नी रचना त्रिवेदी (Rachna Trivedi) और रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी में तैनात संजय सीठा (Sanjay Seetha) की मदद से फर्जीवाड़ा करना शुरु किया। समिति के फर्जी दस्तावेज बनाकर समिति पर कब्जा कर लिया। पति—पत्नी ने नवंबर 2016 में फर्म एंड सोसायटी के रजिस्ट्रार ने आशा शिक्षा समिति की सदस्य सूची को अवैध भी मानते हुए उसे निरस्त कर दिया था। इसके बावजूद 2017 से उन्होंने नियमों के खिलाफ संस्था का संचालन जारी रखा। शिकायत में आरोप है कि समिति माइल स्टोन पब्लिक स्कूल (Milestone Public School) चलाती है। जिनको संभालने का काम अंकित त्रिवेदी के पास था। स्कूल में करीब 350 से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं। बच्चों से वार्षिक फीस से आय लगभग सवा एक से डेढ़ करोड़ रुपये के बीच होती है। पिछले दस वर्षों के दौरान पति—पत्नी ने संजय सीठा की मदद से करीब 15 करोड़ रुपये की भारी रकम में हेरफेर कर दिया। इस पूरी आय का कोई हिसाब संस्था में भी प्रस्तुत नहीं किया गया। यह पूरी राशि निजी उपयोग में ली गई। संस्था से जुड़े लोगों ने फीस और आय-व्यय का ब्यौरा मांगा तो कर्मचारी ने जानकारी देने से इनकार कर दिया। नीलिमा जौहरी को जान से मारने की भी धमकी दी गई। नीलिमा जौहरी का दावा है कि फर्म एंड सोसायटी के कर्मचारी संजय सीठा पति—पत्नी की पूरी मदद कर रहे हैं। ताकि संस्था को अपने कब्जे में ले लिया जाए। नीलिमा जौहरी ने ईओडब्ल्यू से मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करके संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। जिससे उसके वास्तविक स्वरुप को बरकरार रखा जा सके। इन आरोपों को लेकर अंकित त्रिवेदी से संपर्क किया गया। उन्होंने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया।
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