Bhopal News: अफसरों की फटकार के बाद कमला नगर थाना प्रभारी ने दर्ज किया आगजनी का मुकदमा, कमजोर धाराएं लगाकर अभी भी आरोपी को संरक्षण देने का प्रयास, छेड़छाड़ की पीड़िता के भाई जिस वर्कशॉप में करता था काम वहां जाकर लगाई थी आग

भोपाल। थाने के पीछे रहने वाला छेड़छाड़ मामले में फरार आरोपी पुलिस की नाकामी का पोस्टर ब्यॉय बन गया है। उसे थाने की टीम दबोच नहीं पा रही है। जबकि उसने मुकदमा दर्ज होने के बाद पीड़िता के भाई जिस वर्कशॉप में जॉब करता है वहां जाकर आग लगा दी थी। यह मामला भोपाल (Bhopal News) शहर के कमला नगर थाना क्षेत्र का है। इस प्रकरण को भी दर्ज करने में थाना प्रभारी ने रुचि नहीं दिखाई। जिस कारण अफसरों की फटकार के बाद कमजोर धाराओं में पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है।
वर्कशाप में लगाई थी आग
पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना (DGP Kailash Makwana) ने पिछले दिनों क्राइम मीटिंग के दौरान भोपाल पुलिस कमिश्नर को ताकीद किया था कि महिला संबंधित मामलों में गंभीरता के साथ कार्रवाई की जाए। ऐसे प्रकरणों की निगरानी वरिष्ठ अधिकारी करें। इसके बावजूद नेहरू नगर इलाके में अधिवक्ता राजकुमार पांडे (Rajkumar Pandey) ने कियोस्क सेंटर संचालक की पत्नी के साथ अभद्रता की। उनकी कार (Cat) का पहिया भी पंक्चर कर दिया। यह सबकुछ सीसीटीवी कैमरे में कैद होने के बावजूद कमला नगर (Kamla Nagar) थाना प्रभारी निरूपा पांडे (TI Nirupa Pandey) ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी। जब यह बात अफसरों को पता चली तो फटकार के बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया। इस प्रकरण दर्ज होने के पांच दिन बाद भी आरोपी राजकुमार पांडे की गिरफ्तारी नहीं की गई। वह न्यायालय में देख लेने की रंगदारी दिखाकर पीड़िता के भाई की वर्कशॉप में भी पहुंचा था। इसके एक दिन बाद ही उस वर्कशॉप में भी आग लग गई। मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया कि आग शार्ट सर्किट से नहीं लगी थी। यह प्रकरण दर्ज करने में भी थाना प्रभारी निरुपा पांडे रुचि नहीं ले रही थी। जिसके संबंध में शिकायत आला अधिकारियों से हुई तो उन्होंने आनन—फानन में 07 जुलाई की शाम आगजनी का प्रकरण दर्ज कर लिया।
पुलिस सिस्टम में सेंध लगा चुका है राजकुमार पांडे
कमला नगर (Kamla Nagar) थाना क्षेत्र में एक सप्ताह से चल रहे इस मामले को लेकर कुछ कर्मचारी अपरोक्ष रुप से अधिवक्ता राजकुमार पांडे की खुलकर मदद कर रहे हैं। छेड़छाड़ मामले में पहले उसकी गिरफ्तारी को लेकर कोई रुचि नहीं दिखाई गई। इसके बाद आगजनी प्रकरण में भी ढ़िलाई बरती गई। जबकि पुलिस को पता है कि जिस वर्कशॉप में आग लगी है वह एक छेड़छाड़ पीड़िता का भाई वहां जॉब करता है। इसके बावजूद पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने पर गवाह को धमकाने और प्रकरण को प्रभावित करने वाली धाराएं ही नहीं लगाई। इतना ही नहीं जिस दिन आग लगी थी उस दिन पुलिस थाने का बयान था कि आग जंगलों में लगी थी। घटना को लेकर तमाम साक्ष्य सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग से लेकर धमकाने वाले वीडियो भी मौजूद हैं। आरोपी राजकुमार पांडे कमला नगर थाने के पीछे ही रहता है। वह अभी भी प्रकरण में पुलिस की तरफ से रियायत पाने के लिए थाने के कुछ कर्मचारियों के संपर्क में बना हुआ है। उसे थाने के भीतर चल रही हर गतिविधि की सूचना दी जा रही है।
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