MP Cop News: डीजीपी ने बताया आखिरी क्षण में कैसे बचाया जा सकता है

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MP Cop News: भोपाल पुलिस की सेहत खराब चल रही है, मीडिया लिख सकता है जो पांच साल से बता रहा था, अब डीजीपी ने ऐसा लिया संज्ञान कि उन्होंने पूरे स्टेट के लिए व्यापक पैमाने वाला इवेंट बना दिया

  •  पहली बार व्यापक स्तर पर सीपीआर प्रशिक्षण
  • आईजी, डीआईजी, एसपी, कमांडेंट व अन्य अधिकारी रहे उपस्थित
  • प्रदेश के 250 से अधिक स्थानों पर 22000 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने सीखा सीपीआर देना
  • डीजीपी की पहल पर सभी जिलों, वाहिनी मुख्यालयों सहित समस्त पुलिस इकाइयों में किया गया सीपीआर प्रशिक्षण का आयोजन
  • स्वास्थ्य विभाग, रेडक्रॉस, निजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने दिया सहयोग
  • पुलिसकर्मियों के परिजन ने भी लिया सीपीआर का प्रशिक्षण
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एमपी पुलिस विभाग के मुखिया सुधीर कुमार सक्सेना चिकित्सकों की मौजूदगी में सीपीआर की तकनीक बताते हुए। चित्र पुलिस मुख्यालय की तरफ से जारी।

भोपाल। प्रदेश (MP Cop News) में डीआईजी फिर पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हुई। इसमें अफसरों की संख्या बहुत ज्यादा हो गई। लेकिन, मैदानी अमला जस का तस। सबकुछ यहां—वहां जुगाड़ से चल रहा है। बाकी कुछ मंत्रियों तो रसूखदारों के बंगले की तिमारीदारी में जुटा रहता है। इसके बाद शेष मैदानी कर्मचारी जनता की सेवा के लिए बाकी रह जाते हैं। जिन्हें नौकरी बचाने के लिए जुतना पड़ता है। इस कारण मैदानी कर्मचारी की दिनचर्या असंयमित हो जाती है। नतीजतन, उसे बीमारी होना तय है। यह बात हम यूं ही नहीं कर रहे है। इन बातों को लेकर भोपाल शहर की मीडिया में पांच साल से कई बार रिपोर्ट सामने आ चुकी है। कुछ दिनों के भीतर में बहुत सारे मामले हार्ट अटैक के सामने आ गए। अखबारी कतरनों की नस्तियां जब डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना के पास पहुंची तो उन्होंने मैदानी कर्मचारियों के लिए सीपीआर देने की तकनीक बताने का निर्णय लिया। शनिवार को इसी तकनीक को लेकर पूरे प्रदेश में इवेंट आयोजित किया गया।

अफसर और कर्मचारी होते हैं साथ

भोपाल के ओल्ड कैंपियन मैदान पर 29 जनवरी, 2023 को पुलिसकर्मियों के साथ क्रिकेट खेल रहे रक्षित निरीक्षक दीपक पाटिल को दिल का दौरा पड़ा। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें तत्काल सीपीआर दिया। सीपीआर मिलने से आरआई दीपक पाटिल की सांसें दोबारा चलने लगी। इसके बाद पुलिसकर्मी उन्हें नजदीक के अस्पताल ले गए।

डीएसपी की भी जान बचाई

इंदौर के होलकर स्टेडियम में 24 जनवरी, 2023 को भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए क्रिकेट मैच के दौरान ड्यूटी पर तैनात डीएसपी ध्रुवराज सिंह चौहान को अचानक दिल का दौरा पड़ा। उनके सीने में तेज दर्द के साथ ही मुंह से खून आ गया। यह देख उनके साथ ड्यूटी पर तैनात अन्य पुलिसकर्मियों ने उन्हें सीपीआर दिया। इसके बाद उन्हें तत्काल निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और उनकी जान बचाई जा सकी।

इन्हें खोने का हमें रहेगा अफसोस

जहांगीराबाद थाना क्षेत्र में एक ड्रायवर की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। उन्होंने बैरागढ़ इलाके में सीने में दर्द होने की शिकायत भी की थी। इसी तरह भोपाल पुलिस में तैनात वाहन चालक की भी हार्ट अटैक से मौत हुई थी। कुछ दिन पहले ही सीहोर कानून व्यवस्था की ड्यूटी पर भोपाल से गए हवलदार की भी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। मतलब साफ है कि लंबी ड्यूटी की वजह से कई मैदानी कर्मचारियों का दिल कमजोर हो चला है। अनुशासन के चलते दिमागी मजबूती दिखाकर अभी काम चलाया जा रहा है।

मध्यप्रदेश के मैदानी कर्मचारियों में रिसर्च कराने और उसकी जड़ में जाकर वास्तविकता पता लगाने की बजाय इवेंट करके अफसर अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रहे हैं। पुलिस प्रशिक्षण में ही कई बार मैदानी कर्मचारियों को सीपीआर की तकनीक बारीकी से समझाई जाती है। अब पुलिस महकमा इसको नवाचार बताते हुए डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना की संवेदनशीलता को बता रहा है। डीजीपी इसी इवेंट के लिए भोपाल में नेहरू नगर स्थित पुलिस लाइन पहुंचे। यहां आयोजित सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम में पुलिसकर्मियों के प्रोत्साहन उन्होंने किया।

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अब पुरस्कार बांट रहे डीजीपी

पुलिस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आयोजन के लिए एक सप्ताह पूर्व से प्रदेशभर के सभी जिलों और वाहिनी मुख्यालयों में पुलिस अधीक्षकों और कमांडेंट ने व्यापक स्तर पर तैयारियां प्रारंभ कर दी थी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, रेडक्रॉस और निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों से समन्वय स्थापित किया गया। पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिजनों को सीपीआर की उपयोगिता से अवगत कराया गया। इस प्रशिक्षण में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया गया। सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम में सर्वप्रथम सभी उपस्थित पुलिसकर्मियों और उनके परिवारजन को सीपीआर के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया। सीपीआर की प्रक्रिया डमी के माध्यम से समझाई गई। इसके पश्चात एक्सपर्टस ने सभी जिलों और वाहिनी मुख्यालयों में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सावधानीपूर्वक सीपीआर देने का प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण रेडक्रॉस के डॉ.एसके शर्मा ने दिया। कार्यक्रम के दौरान रक्षित निरीक्षक दीपक पाटिल को सीपीआर देने वाले अमन और दो पुलिस आरक्षकों सोनू सिंह व भीम सिंह को डीजीपी ने प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया।

यह बोलकर डीजीपी ने किया प्रोत्साहित

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अंतिम वक्त में मुुंह में सांस देकर जान बचाने की डमी के जरिए तकनीक सीखते हुए डीजीपी। चित्र पुलिस मुख्यालय की तरफ से जारी।

नेहरू नगर स्थित पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना ने कहा कि सीपीआर का सही ज्ञान और सही समय पर प्रयोग मरीजों की जीवन रक्षा की दिशा में पहला कदम है। यदि किसी व्यक्ति की हृदय गति रुक जाए तो हॉस्पिटल पहुंचने के दौरान सीपीआर जीवन रक्षक की तरह काम करती है। पुराने घटनाक्रम से प्रेरणा लेकर मैंने प्रत्येक पुलिसकर्मी और उनके परिजन को सीपीआर प्रशिक्षण देने के इस कार्यक्रम के आयोजन का विचार किया। यह प्रशिक्षण समाज हित में महती भूमिका निभाएगा। प्रत्येक पुलिसकर्मी को इसका प्रशिक्षण लिए जाने की अत्यंत आवश्यकता है। ताकि जरूरतमंदों को मौके पर ही राहत पहुंचाई जा सके। इसी उद्देश्य से प्रदेशभर के सभी जिलों, वाहिनी मुख्यालयों और यहां पुलिस लाइन में सीपीआर प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। यदि प्रत्येक व्यक्ति सीपीआर देना सीख जाएं तो ह्रदयाघात से पीड़ित अधिकांश लोगों की जान बचाई जा सकती है।

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