घोटाला: सपा शासनकाल में निकली थी भर्ती, पूर्व निदेशक समेत 6 अफसरों पर केस दर्ज

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पशुधन प्रसार अधिकारी भर्ती में हुआ था घोटाला, 2014 में विभाग ने 1198 पदों की निकाली थी भर्ती

लखनऊ। वर्ष 2014 समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में पशुधन विभाग में 1198 पशुधन प्रसार अधिकारी पदों के लिए भर्ती निकली थीं। जिसमें घोटाले का आरोप लगने के बाद मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले में एसआईटी जांच के आदेश दिए थे।

जानकारी के मुताबिक पशुधन विभाग ने 17 मंडलों में 1198 पशुधन प्रसार अफसरों की भर्ती निकाली थी। घोटाले के आरोप लगने के बाद एसआईटी ने जांच की। जांच के दौरान गड़बड़ी सामने आई। जिस पर एक्शन लेते हुए एसआईटी इंस्पेक्टर कुंवर ब्रह्म प्रकाश सिंह ने तत्कालीन निदेशक रुद्र प्रतात समेत छह अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

यह है मामला
पशुधन प्रसार अधिकारी भर्ती में 1005 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। चयन के बाद उन्हें ट्रेनिंग दी गई। फिर उन्हें ज्वॉइन करवा दिया गया। इसके बाद 34 अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में रिट दाखिल की तो कोर्ट ने मामले में एसआईटी जांच के आदेश दे दिए। जांच में सामने आया कि भर्ती में नियमावली का पालन नहीं किया गया था।

इनके खिलाफ हुई एफआईआर
बताया जा रहा है कि एफआईआर में तत्कालीन निदेशक पशुधन, संयुक्त निदेशक डॉ पीके त्रिपाठी, अपर निदेशक फैजाबाद मंडल डॉ जीएन सिंह, डॉ चरण सिंह, गोरखपुर मंडल के अपर निदेशक डॉ कृष्ण प्रताप व फिरोज गांधी इंस्टिट्यूट आॅफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नॉलजी रायबरेली के सिस्टम एडमिन मोहम्मद इशरत को नामजद किया गया है।

इन आरोपों में हुई एफआईआर
सभी अफसरों पर आपराधिक साजिश रचने, पद दुरुपयोग, परीक्षा में शामिल अयोग्य अभ्यर्थियों को लाभ और योग्य अभ्यर्थियों को हानि पहुंचाने के आरोप में एफआईआर की गई है। इसके साथ ही उत्तरप्रदेश पशुपालन विभाग पशुधन प्रसार एवं कुक्कुट विज्ञान सेवा नियमावली का उल्लंघन कर फर्जी दस्तावेज के जरिए धोखाधड़ी करने का भी आरोप लगाया है।

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एसआईटी ने ये लगाई धाराएं
जानकारी के अनुसार एसआईटी ने जांच के बाद उक्त अधिकारियों पर आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी, 201 व 13(1) डी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

इनकी भी हो रही विवेचना
इस मामले में फिरोज गांधी इंस्टिट्यूट आॅफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नॉलजी रायबरेली के निदेशक डॉ आरपी शर्मा व भर्ती प्रक्रिया में शामिल पशुधन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका की भी विवेचना की जा रही है।

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