पत्नी के लिए एसआई समेत चार लोगों पर चढ़ाया ट्राला

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शहादत पर राजनीति शुरु, मामले को नक्सली साजिश से जोड़ा जाने लगा, डिप्टी स्पीकर हिना कांवरे को मिले पत्र से जुड़ने का दावा, पुलिस ने किया इनकार

बालाघाट। मध्य प्रदेश एक बार फिर सुर्खियों में हैं। रविवार रात 12 बजे हुई घटना के कारण यह कोहराम मचा है। लेकिन, इसमें एक एसआई समेत चार बेगुनाहों की मौत शहादत की बजाय नक्सलियों के आतंक पर जाकर सिमट गई। कोई वास्तविक कारणों की पड़ताल नहीं कर सका। दुर्घटना में शहीद पुलिस के अफसर और निजी वाहन चालक प्रदेश की डिप्टी स्पीकर हिना कांवरे के कारकेड के फॉलो गार्ड की ड्यूटी कर रहे थे। इन्हें तेज रफ्तार ट्राले के ड्राइवर ने उड़ा दिया था। उसके बाद वह पलट गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। उसने पूछताछ में बताया है कि उसकी पत्नी की डिलीवरी हो रही थी। इसलिए उसे अस्पताल जाने की जल्दी थी। जल्दबाजी में वह रफ्तार में अंकुश नहीं रख पाया और वह पुलिस के वाहन से टकरा गया।

डिप्टी स्पीकर समेत कांग्रेस कांग्रेस विधायकों से नक्सलियों ने मांगा 20 लाख रुपए खर्चा
हिना कांवरे के सड़क हादसे पर उठने लगे सवाल, नक्सलियों की कथित चिट्ठी सोशल मीडिया में वायरल, आईजी बालाघाट ने नक्सली हमला होने से किया इनकार, दुर्घटना में मारे गए तीनों पुलिस कर्मियों को शहीद का दर्जा
मध्यप्रदेश विधानसभा की डिप्टी स्पीकर और बालाघाट के लांजी विधानसभा से कांग्रेस विधायक हिना कांवरे को नक्सलियाें ने धमकी दी है। एक पत्र चार दिन पहले उन्हें मिला है। जिसमें 20 लाख रुपए का खर्चा मांगा गया हैं। यह पत्र सोमवार को सोशल मीडिया में वायरल हुआ। जिसके बाद हिना कांवरे के रविवार देर रात हुआ सड़क हादसे में नक्सलियों के शामिल होने को लेकर सवाल खड़े होने लगे। हालांकि बालाघाट रेंज के आईजी केपी व्यंक्टशेवर राव और एसपी ए.जयदेवन ने इन समाचारों का खंडन जारी कर दिया। इसी तरह का एक अन्य पत्र बालाघाट जिले के ही बैहर विधानसभा से विधायक संजय उइके को भी मिला है। पुलिस का कहना है कि पत्रों की जांच की जा रही है और उसके पीछे वास्तविक षडयंत्रकारियों का पता लगाया जा रहा है।
नक्सली इस कागज़ का करते है इस्तेमाल
एसपी बालाघाट का कहना है कि नक्सली एक विशेष प्रकार के कागज का इस्तेमाल करते हैं। जो धमकी भरा पत्र मिला है वह आम नोट बुक से फाड़ा गया है। जिसकी भाषा भी अस्पष्ट हैं। नक्सली इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करते हैं। एसपी ने कहा कि इस पत्र को भेजने के पीछे जो कहानी है उसका खुलासा जल्द किया जाएगा। इसके अलावा पत्र में वन प्रबंधन माओवादी, संग्राम दलम लिखा है। यह नक्सलियों का कोई भी ग्रुप नहीं हैं।
धमकी की तारीख मेल नहीं खा रही
एसपी बालाघाट ने बताया कि पहला पत्र 4 जनवरी को संजय उइके को मिला था। इस पत्र की जांच की जा रही थी तभी दूसरा पत्र डिप्टी स्पीकर हिना कांवरे के पास 10 जनवरी को आया। दोनों पत्र की भाषा शैली लगभग एक जैसी है जिसकी जांच की जा रही है।
दुर्घटना का मामला
आईजी बालाघाट ने बताया कि यह सामान्य दुर्घटना का मामला है। जिसमें ट्राला चालक गोविंद मरकाम को हिरासत में ले लिया गया हैं। ट्रक का मालिक अमित जायसवाल हैं। ट्राले में भूसा भरा था जो कि बालाघाट लाया जा रहा था। अब तक नक्सलियों के इसमें शामिल होने के सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि ट्रक ड्राइवर और मालिक के संबंध में ब्योरा जुटाया जा रहा है।
पुलिसकर्मियों को मिलेगा शहीद का दर्जा
आईजी ने बताया कि दुर्घटना में मारे गए पुलिसकर्मी शाजापुर निवासी हर्षवर्धन सोलंकी, बालाघाट निवासी हमीद शेख और छिंदवाड़ा निवासी राहुल कोलारे की अंत्येष्टि हो गई है। तीनों की शहीद की तरह अंत्येष्टि हुई। आईजी ने बताया कि पुलिस मुख्यालय ने शासन को शहीद का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया है। इसमें एक करोड़ रुपए, सेवाकाल तक की अवधि में विशेष पेंशन और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का प्रावधान हैं।
पत्र की भाषा को लेकर शक
प्रिय, बंधु हिना कांवरे विधायक विधानसभा क्षेत्र किरनापुर ग्राम सोनपुर, तहसील किरनापुर जिला बालाघाट। निवेदन लगता है हमारी नोटिस तुम्हारे तक सही तरीके से पहुंचा नहीं। क्या अभी तक हमारी खुराक पहुंचा नहीं क्या बात हैं। हमारी सीधे वारनिंग 14 जनवरी तक हमारा खर्चा पहुंच जाना चाहिए। वर्ना 16 जनवरी तुम्हारी आखिरी तारीख होगी। हमारा खर्च 20 लाख रुपए 14 जनवरी को पहुंच जाना चाहिए। हमारा पता बालाघाट से बैहर रोड गागुल पारा रोड के किनारे रखना होगा। जगह में काला झंडा निशान पर गाड देना होगा। हमारी मांगे पूरी करो वरना तुम्हारा क्षेत्र महंगा पड़ेगा। तुम खुद समझदार हो हमसे बुरा कोई न हो। इसके अलावा पत्र में ही एक कोने में लिखा गया है कि यह हमारी आखिरी नोटिस है। इसके बाद हम नोटिस नहीं देंगे सीधे दरवाजे पर दस्तक देंगे। याद रखे 14 जनवरी।
पिता की नक्सलियों ने की थी हत्या
हिना कांवरे का परिवार नक्सलियों के आतंक का सामना कर चुका हैं। उनके पिता जब कांग्रेस के गृहमंत्री हुआ करते थे तब दिसम्बर, 1999 में उनकी निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। इस हत्या कांड से छह महीने पहले उन्हें सड़क दुर्घटना में इसी तरह से मारने की कोशश की गई थी। ताजा हमले को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने भी चिंता जताई है। ऑपरेशन नक्सल विंग ने बालाघाट जिले में तैनात इंटेलीजेंस के अफसरों से इस सिलसिले में चर्चा की गई है।
मुख्यमंत्री ने फोन पर की बात
घटना का पता चलने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हिना कांवरे से फोन पर बातचीत की है। मुख्यमंत्री ने सुरक्षा के साथ-साथ जांच का भरोसा दिलाया है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने घटना को लेकर डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला से रिपोर्ट ली थी। इधर, जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी मामले में जांच की मांग की है।
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