Bhopal News: राजधानी के बॉटल नेक प्रभात चौराहे पर ब्ल्यू मेट्रो लाइन के लिए ड्रायवर्सन के चलते पिछले दो महीनों से हालात बदतर, आठ महीने के भीतर में थ्री ट्रिपल लेयर ट्रैफिक प्लान का निरीक्षण करने आ चुके दो बार मंत्री भी नहीं ले रहे सुध, लचर सिस्टम के चलते पीड़ित परिवार के सामने खड़ा कर दिया रोजी रोटी का संकट

भोपाल। तेज रफ्तार नगर निगम के डंपर ने एक परिवार के एकमात्र कमाउपूत का जीवन छीन लिया। यह दुर्घटना प्रभात चौराहे के नजदीक होंडा शोरुम के सामने हुई है। यह हादसा भोपाल (Bhopal News) शहर के ऐशबाग थाना क्षेत्र में हुआ है। इस इलाके में ब्ल्यू मेट्रो लाइन बिछाने के लिए कंपनी ने ड्रायवर्सन लिया हुआ है। जिस कारण उनके भारी भरकम शील्ड के चलते आमने—सामने आने जाने वाला भारी वाहन भी नहीं दिखता। वहीं इस बेतरतीब ट्रैफिक डायवर्सन से यहां पिछले दो महीनों से करीब तीन लाख की आबादी रोज परेशान हो रही हैं।
यह है मैदानी हकीकत
प्रभात चौराहे से ऐशबाग (Aishbag) के बीच ट्रैफिक डायवर्सन लेने का काम लगभग एक सप्ताह पूर्व से चल रहा है। इस मार्ग पर सामान्य दो पहिया वाहन चलना दूभर है। वहां भारी भरकम यात्री वाहनों को भेजा जा रहा है। जबकि सख्ती बरतते हुए इस मार्ग पर यात्री वाहनों को प्रवेश करने से रोका जाना चाहिए। लेकिन, यातायात पुलिस, आरटीओ, नगर निगम और जिला प्रशासन के बीच समन्वय के भारी अभाव के चलते यहां हर रोज पीक टाइम में भारी ट्रैफिक जाम लगा रहता है। ऐशबाग से प्रभात चौराहे पर जाते वक्त बॉटल नेक चौराहा भी है। जिस कारण वाहनों की लंबी कतार केपीटल पेट्रोल पंप (Capital Petrol Pump) तक लग जाती है। इसी रुट पर ट्रिपल लेयर ट्रैफिक ब्रिज बनने जा रहा है। जिसमें मेट्रो (Metro) के साथ—साथ ब्रिज से वाहनों का यातायात भी गुजरेगा। इस काम का निरीक्षण करने प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग (Minister Vishwas Sarang) आठ महीने में दो बार मौके पर पहुंचकर गंभीरता के साथ निरीक्षण कर चुके हैं। यह काम नौ महीने में पूरा होना था। जिसके लिए मंत्री के निर्देश पर समन्वय समिति बनाने का ऐलान हुआ था। जिसमें हर सप्ताह समिति की बैठक होना तय किया गया था।
इस परिवार पर मानों दुखों का पहाड़ टूट गया
ऐशबाग थाना पुलिस के मुताबिक सुभाष विश्वकर्मा (Subhash Vishwakarma) पुत्र लक्ष्मीनारायण विश्वकर्मा उम्र 35 साल ड्रायवरी का काम करता था। वह रचना नगर (Rachna Nagar) में रहने वाले मनोह रघुवंशी (Manoh Raghuvanshi) के घर वाहन चलाता था। सुभाष विश्वकर्मा बाइक (Bike) एमपी—04—जेडसी—4731 से रचना नगर की तरफ जा रहा था। तभी उसके आगे चल रहे नगर निगम (Nagar Nigam) के डंपर (Dumper) से टकराने के बाद उसके पिछले पहिए में उसका शरीर आ गया। भारी भरकम टायर उसके पेट से होकर गुजर गया था। उसको गंभीर हालत में नर्मदा अस्पताल (Narmada Hospital) ले जाया गया। यहां डाक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने इस मामले में डंपर एमपी—04—जीए—0424 जब्त करके चालक के खिलाफ प्रकरण 193/25 दर्ज कर लिया है। दुर्घटना होंडा शोरुम (Honda Showroom) के सामने 21 मई की सुबह लगभग दस बजे हुआ। सुभाष विश्वकर्मा के पिता लक्ष्मीनारायण विश्वकर्मा को दमा की गंभीर बीमारी है। पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है। दो बेटियां है जिनकी शादी करने को लेकर सुभाष विश्वकर्मा ने भी शादी नहीं की थी।
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