Bhopal Hospital Negligence: लाश मर्चुरी रुम में रखवाकर भूल गए डॉक्टर, दो दिन बाद आई याद

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पुलिस का दावा पीएमएलसी रिपोर्ट नहीं बनने से हुई गलतफहमी, परिवार को तलाशने के बाद शव सौंपा

Bhopal Hospital Negligence
सांकेतिक चित्र

भोपाल। (Bhopal Crime News In Hindi) इस वक्त सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर सिस्टम टिका हुआ है। इसमें कई लापरवाही के किस्से सामने आ रहे हैं। इनमें एक सनसनीखेज मामला मध्य प्रदेश की राजधानी (Madhya Pradesh Hospital Negligence Case) भोपाल से सामने आया है। घटना हमीदिया अस्पताल की है जिसमें जिम्मेदार डॉक्टर मामले से किनारा कर रहे है। उन्होंने पूरा केस पुलिस की झोली में डाल दिया है। अस्पताल ने एक व्यक्ति की मौत के बाद शव मर्चुरी रुम में रखवा दिया। शव रखने की जानकारी किसी को भी नहीं दी। हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) को दो दिन बाद इस लापरवाही की भनक लगी। फिर एक दिन पूरी जांच के बाद शव के बारे में जानकारी जुटाई। फिलहाल मौत (Bhopal Death Case) को लेकर संशय बना हुआ है। हमीदिया अस्पताल सामान्य बीमारी से मौत कह रहा है। पुलिस को पीएम रिपोर्ट मिलने का इंतजार है।

एमपी नगर पुलिस ने www.thecrimeinfo.com (द क्राइम इंफो डॉट कॉम) को बताया कि हमीदिया अस्पताल से गुरुवार शाम 5 बजे फोन आया था। अस्पताल ने बताया था कि राजेन्द्र पिता मोहन लाल उम्र 35 साल की मौत हो गई है। जिस व्यक्ति की मौत हुई है उसने अपना पता प्रगति पेट्रोल पंप के नजदीक बताया था। राजेन्द्र ( Rajendra) की मौत 5 मई को हुई थी। इसके बाद थाने से जांच अधिकारी एसआई राजेन्द्र प्रसाद यादव (SI Rajendra Prashad Yadav) अस्पताल पहुंचे। फिर जो चौेकाने वाली जानकारी मिली वह हमीदिया अस्पताल की लापरवाही की तरफ इशारा कर रही है। जिस व्यक्ति की मौत हुई उसके पिता मोहन लाल पीएचई विभाग से रिटायर है। पिता भदभदा में  पहले रहते थे। पिता ने रिटायरमेंट से पहले बेटी की शादी करा दी थी। लेकिन, दो बेटे कुंवारे रह गए थे। यह पहले भीम नगर में रहते थे। जहां से झुग्गी बेचकर राजेन्द्र यहां एमपी नगर स्थित पार्किग में रहने लगा था। वह आयशर ट्रक ड्राइवर भी था।

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जांच में पता चला कि राजेन्द्र को 28 अप्रैल को लकवे का अटैक आया था। जिसके बाद उसको एम्बुलेंस की मदद से जेपी अस्पताल ले जाया गया। यहां जेपी अस्पताल ने उसको भर्ती करके पीएमएलसी बनाने की बजाय उसको सीधे हमीदिया अस्पताल भेज दिया। हमीदिया अस्पताल में उसको रैफर कैस मानकर पुलिस को सूचना ही नहीं दी गई। इस दौरान राजेन्द्र की 5 मई को मौत हो गई। मौत के बाद उसके परिजनों के संबंध में पता लगाया गया। फिर एम्बुलेेंस ने रिपोर्ट दी जिसके बाद एमपी नगर थाना पुलिस को सूचना दी गई। जांच अधिकारी ने बताया कि राजेन्द्र की बहन बैरागढ़ में मछली मार्केट में रहती है। उसका पता लगाकर बहनोई राजू और बहन को शव सौंप दिया गया है।

अपील

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