MP Land Scam: सरकारी जमीन किस्तों में निजी हाथों को बेची

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सीलिंग की थी जमीन, हॉकर्स कार्नर के प्रस्ताव पर खुला फर्जीवाड़े का राज, आधा दर्जन से अधिक पर दर्ज हुआ मामला दर्ज

Bhopal Cheating
सांकेतिक चित्र

भोपाल। किस्तों में सरकारी जमीन बिकती (Madhya Pradesh Land Scam) रही। प्रशासन को कोई भनक भी नहीं लगी। इतना ही नहीं कॉलोनी काटकर उसका नामकरण भी कर दिया गया। मामला मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Crime) की राजधानी भोपाल (Bhopal Crime) का है। इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब सरकार ने यहां हॉकर्स कार्नर खोलने का प्रस्ताव बनाया। शिकायत की जांच के बाद प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट बनाकर पुलिस को दी। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने जालसाजी (Bhopal Cheating Case) का प्रकरण दर्ज कर लिया है। आरोपियों की संख्या आधा दर्जन से अधिक है।

गौतम नगर थाना पुलिस ने www.thecrimeinfo.com (द क्राइम इंफो डॉट कॉम) को बताया कि थाने में अतिरिक्त तहसीलदार बैरागढ़ संभाग गीतांजली शर्मा (Gitanjali Sharma) की 04 जनवरी को रिपोर्ट मिली थी। इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने कमल सिंह ठाकुर, सरला कुशवाहा (Sarla Kushwah), सतीश कुमार (Satish Kumar), शीतल जैन (Shital Jain), दीपक, सुकांत, पूर्णिमा के खिलाफ जालसाजी (Bhopal Fraud Case) का मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि मामले की शिकायत सितंबर, 2019 को वार्ड—12 की पार्षद मंजू धर्मेंद्र दिवाकर (Manju Dharmendra Diwakar) ने प्रशासन के सामने की थी। उन्होंने बताया था कि सरकार के रिकॉर्ड में निशातपुरा में सीलिंग की जमीन थी। इस जमीन को आरोपियों ने षडयंत्र करके बेच दिया है। जांच में पाया गया कि सीलिंग की जमीन को अपनी बताकर अगस्त, 1993 में नारियल खेड़ा निवासी कमल सिंह ठाकुर (Kamal Singh Thakur) ने अनूप सिंह को बेची थी। इसके बाद इसी जमीन का एक टुकड़ा सरला कुशवाहा (Sarla Kushwah) पति अजय मोहन ने अगस्त, 2003 में अनुराधा देवी (Anuradha Devi) पति अजय सिंह को बेचा था। इसी महीने सतीश कुमार पिता तीरथराम ने सरकारी जमीन को अपनी बताकर पूर्णिमा देवी (Purnima Devi) पति दीप सिंह राठौर को बेच दिया था।

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कमल सिंह ठाकुर (Kamal Singh Thakur) ने इसी जमीन का एक टुकड़ा अपना बताकर नवंबर, 1989 में भी बेचा था। यह जमीन अजय सिंह को बेची गई थी। शांतिलाल जैन पिता फूलचंद्र जैन ने इसी सरकारी जमीन के टुकड़े को दीपक कुमार सौगानी और सुकांत कुमार सौगानी को बेचा था। यह दोनों रिश्ते में भाई है। यह जमीन अगस्त, 2006 में बेची गई थी। पुलिस ने बताया कि इस कॉलोनी का नाम शारदा नगर सी—ब्लॉक रख दिया गया था। मामले की जांच रिपोर्ट में अभी इस बात का खुलासा नहीं है कि यह जमीन कितने में बेची गई थी।

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