‘Godse प्रेम’ में बैकफुट पर प्रज्ञा, दवाब बढ़ा तो मीडिया पर फोड़ा ठीकरा

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चुनाव आयोग गंभीर,  मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मांगी रिपोर्ट

भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर

भोपाल। महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे (Godse) को राष्ट्रभक्त बताने वाली साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ( sadhvi pragya thakur) बैकफुट पर हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की फटकार के बाद प्रज्ञा ठाकुर के सुर बदल गए है। उन्होंने अपने बयान के लिए माफी मांग ली हैं।  भोपाल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर (pragya thakur)  के ‘गोडसे (Godse) प्रेम’ ने सियासी भूचाल ला दिया है। उनके इस बयान की आग से भाजपा खुद को बचाना चाहती है। लिहाजा पार्टी ने किनारा कर लिया।

वहीं इस मामले को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया है। चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश से मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

ये बोलीं थी प्रज्ञा

गुरुवार को आगर-मालवा में चुनाव प्रचार के दौरान मीडिया से बात करते हुए प्रज्ञा ठाकुर (pragya thakur)  ने कहा था कि ‘’नाथूराम गोड़से (Nathuram godse)  देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। उनको आतंकवादी कहने वाले लोग स्वयं के गिरेबान में झांककर देखें। अबकी चुनाव में ऐसे लोगों को जवाब दे दिया जाएगा।‘’

भाजपा ने बयान से किया किनारा

इस बयान से उठे सियासी भूचाल से भाजपा बचना चाहती थी। लिहाजा पार्टी ने तुरंत प्रज्ञा के बयान से खुद को अलग कर लिया। बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा, ‘साध्वी प्रज्ञा के बयान से बीजेपी सहमत नहीं है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. इस मामले में पार्टी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से स्पष्टीकरण मांगेगी. उनको अपने इस बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.’

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पहले नहीं मांगी थी माफी

पार्टी के आला नेताओं ने प्रज्ञा को माफी मांगने को कहा था। लेकिन शाम तक उनके सुर ही बदले थे, फटकार के बाद भी उन्होंने माफी नहीं मांगी थी। प्रज्ञा ने कहा था कि वे अपने संगठन भारतीय जनता पार्टी के प्रति निष्ठा रखती हैं, वे भाजपा की कार्यकर्ता हैं, पार्टी की लाइन उनकी लाइन हैं’’

बता दें कि हाल ही में एक बार फिर गोड़से पर विवाद की शुरुआत एक्टर से राजनीतिक बने कमल हासन के बयान से हुई है। उन्होंने नाथूराम गोडसे को देश का पहला आतंकी करार दिया था। हासन ने कहा था कि आजाद भारत का पहला आतंकी हिंदू था। 12 मई को मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) पार्टी के संस्थापक और अभिनेता कमल हासन ने कहा था कि  ‘‘आजाद भारत का पहला आतंकी हिंदू था। उसका नाम नाथूराम गोडसे था। यहीं से आतंक की शुरुआत हुई थी।’’

इसके बाद से भाजपा, अन्नाद्रमुक, संघ और हिंदू महासभा हासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को तमिलनाडु के मदुरै में कमल हासन पर चप्पल फेंकी गई। हालांकि, चप्पल उन्हें नहीं लगी। मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।

देर रात मांगी माफी, मीडिया पर फोड़ा ठीकरा

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दवाब बढ़ने पर प्रज्ञा ठाकुर ने माफी तो मांग ली लेकिन ठीकरा मीडिया पर फोड़ दिया। प्रज्ञा ने कहा कि ‘बिल्कुल ये मेरा निजी बयान है। मैं रोड शो में थी। जिस तरह से भगवा आतंक को जोड़कर जो प्रश्न किया गया। उसका चलते-चलते जवाब दिया। मीडिया ने उसे तोड़-मरोड़कर पेश किया। इस बयान से किसी की भावना आहत हुई है तो मैं माफी मांगती हूं। गांधी जी का मैं सम्मान करती हूं।’

कांग्रेस का वार

वहीं प्रज्ञा के बयान पर दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि ” इस मामले में मोदी जी, अमित शाह जी और राज्य भाजपा को अपने बयान देने चाहिए और राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए। मैं इस कथन की निंदा करता हूं, नाथूराम गोडसे एक हत्यारा था, उसकी महिमा करना देशभक्ति नहीं है, यह देशद्रोह है”

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