MCC Violation : मोदी-शाह को क्लीन चिट पर चुनाव आयुक्त की नाराजगी उजागर, बैठक में नहीं होंगे शामिल

Share

क्लीन चिट पर असहमति को रिकॉर्ड में दर्ज न किए जाने से नाराज है अशोक लवासा (Ashok lavasa)

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा

नई दिल्ली। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन (MCC Violation) के आरोपों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को क्लीन चिट दिए जाने के मामले में चुनाव आयुक्त की नाराजगी खुलकर सामने आ गई है। चुनाव आयुक्त अशोक लवासा (Ashok Lavasa)  ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को चिट्ठी लिखकर विरोध जताया है। अशोक लवासा (Ashok Lavasa) ने चुनाव आयोग की बैठकों में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि अब चुनाव आयोग की मीटिंग में जाने से कोई मतलब नहीं है।

बता दें कि मोदी और शाह के खिलाफ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन की 6 शिकायतें की गई थी। जिन पर चुनाव आयोग ने दोनों को क्लीन चिट दे दी थी। आयोग के इस निर्णय से आयुक्त अशोक लवासा असहमत थे। अब उनकी असहमती और नाराजगी खुलकर सामने आ गई है।

एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक पीएम मोदी और शाह के खिलाफ हुई शिकायतों की सुनवाई के दौरान अशोक लवासा उन्हें क्लीन चिट नहीं देना चाहते थे। वे चाहते थे कि उल्लंघन के मामले में पीएम मोदी को नोटिस जारी किया जाए। उन्होंने विरोध जताया लेकिन बहुमत के आधार पर मोदी-शाह के पक्ष में चुनाव आयोग ने फैसला ले लिया।

अशोक लवासा की नाराजगी की मुख्य वजह ये है कि उनकी असहमती को रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया। मोदी-शाह को वे क्लीन चिट नहीं देना चाहते थे। लिहाजा बैठक में उन्होंने विरोध जताया था। लेकिन उनके विरोध को चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया। उन्होंने अपनी असहमती को रिकॉर्ड दर्ज कराए जाने के लिए लवासा ने 6 बार मुख्य चुनाव आयुक्त को रिमाइंडर भी भेजा था।

यह भी पढ़ें:   प्रज्ञा ठाकुर ने इधर पर्चा भरा, उधर जारी हुआ एफआईआर का आदेश

चुनाव आयोग (Election Commission) की तीन सदस्यीय कमीशन में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और दो चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा शामिल थे।

अशोक लवासा ने 4 मई को लिखे अपने पत्र में दावा किया था, ‘जब से अल्पमत को रिकॉर्ड नहीं किया गया तब से लेकर मुझे कमीशन की मीटिंग से दूर रहने के लिए दबाव बनाया गया.’ लवासा ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा था और कहा था, ‘जब से मेरे अल्पमत को रिकॉर्ड नहीं किया गया तब से कमीशन में हुए विचार-विमर्श में मेरी भागीदारी का अब कोई मतलब नहीं है.’

उन्होंने लिखा, ‘इस मामले में दूसरे कानूनी तरीकों पर भी विचार करेंगे. मेरे कई नोट्स में रिकॉर्डिंग की पारदर्शिता की जरूरत के लिए कहा गया है.’

उन्होंने हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त को एक पत्र लिखकर कहा है कि जब तक उनके असहमति वाले मत को ऑन रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा तब तक वह आयोग की किसी मीटिंग में शामिल नहीं होंगे।

मोदी के खिलाफ आचार संहिता के कई शिकायतें थी जिसमें एक में उनका पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को ‘भ्रष्टाचारी नंबर 1’ कहने वाला भाषण है। यह शिकायत अभी भी लंबित है।

Don`t copy text!