Bhopal Moneylender Death Case: खंडहर में छुपा है मौत का राज, पुलिस करती है रखवाली!

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सूदखोरी करने वाले व्यक्ति की संदिग्ध मौत को पुलिस उस व्यक्ति के आत्महत्या की टेंडेसी बनाने में जुटी, पुलिस ने छह महीने से लटका रखा है संदिग्ध जहर से हुई मौत का मामला

Bhopal Moneylander Death Case
पत्नी नैना के साथ प्रभाकर दरेकर जिसकी लाश खंडहर के नजदी​क मिली थी

भोपाल। (Bhopal Crime News In Hindi) सूदखोरी करने वाले एक व्यक्ति की संदिग्ध मौत (Bhopal Moneylender Suspicious Death) के मामले में पुलिस इस तरह से जांच कर रही है जैसे उसने आत्महत्या की है। मामला मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Crime News) की राजधानी भोपाल (Bhopal Crime News) के गोविंदपुरा थाना क्षेत्र का है। पुलिस मामले की जांच पिछले छह महीने से कर रही है। आज तक उसकी जांच कोई मुकम्मल जगह पर नहीं पहुंच सकी है। अब वह केस को बंद करने के लिए एक ऐसे शब्द का इस्तेमाल कर रही है जिसको जानकार परिवार भी हैरान है। ऐसा पुलिस इसलिए कर रही है ताकि मर्ग की केस डायरी में खात्मा लगाया जा सके। हालांकि अफसरों का दावा है कि अभी जांच चल रही है। लेकिन, जांच के महत्वपूर्ण बिंदुओं में शामिल संदेहियों को पुलिस ने पूरी तरह से क्लीन चिट दे रखा है।
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यह है मामला
भेल की सोसायटी (BHEL Society) में काम करने वाले 45 वर्षीय प्रभाकर दरेकर (Prabhakar Darekar Death) की 5 सितंबर, 2019 की सुबह खंडहर के नजदीक लोगों को उसकी लाश मिली थी। प्रभाकर भेल के लिए बिल बांटने और रिकवरी का काम देखता था। उसकी शराब पीने की आदत थी। जिसकी जानकारी पूरे परिवार को भी थी। जहां लाश मिली थी उसके नजदीक ही लगभग एक किलोमीटर के फासले पर उसका घर भी हैं। प्रभाकर की दो बेटियां हैं बड़ी बेटी बारहवीं में पढ़ती है। परिवार के लिए कमाने वाला इकलौता मुखिया चला गया है।
लेकिन, पुलिस की जांच आज भी शून्य पर ही टिकी हुई है। वह किसी भी नतीजे पर या भौतिक सबूत नहीं जुटा सकी है। गोविंदपुरा थाना प्रभारी अशोक सिंह परिहार (Ashok Singh Parihar) का दावा है कि जांच जारी है। लेकिन, जांच कहां पहुंची तो उन्होंने कहा इस संबंध में सीएसपी गोविंदपुरा बेहतर बता सकेंगे। उन्हें कोई आधिकारिक बयान देने का भी अधिकार नहीं हैं।
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परिवार के यह है सवाल
परिवार इस मामले को हत्या का केस मान रहा है। पत्नी नैना (Naina Darekar) का दावा है कि प्रभाकर घर के आंगन में भी शराब पीते थे। प्रभाकर का मोबाइल उस दिन रात 1 बजे बंद हो गया था। अगले दिन सुबह 8 बजे खुला था। मोबाइल किसने चालू किया था यह जांच का विषय हैं। प्रभाकर आखिरी वक्त में अपने दो दोस्तों जीएस सिद्धार्थ (GS Sidharth) उर्फ बाबा और एसके झामुरे (SK Jhamure) के साथ निकला था। यह दोनों उसे कार से लेने घर आए थे। पत्नी का कहना है कि झामुरे यह राज जानता है कि प्रभाकर ने किस—किस से लेन—देन किए हैं। पत्नी का कहना है कि मोबाइल उसका दो दिन चार्ज ही नहीं हुआ। फिर वह आखिरी वक्त तक भर बारिश में भी खराब या डिस्चार्ज क्यों नहीं हुआ। मौके पर चप्पल व्यवस्थित मिली थी। जिसकी फोटो नैना ने www.thecrimeinfo.com (द क्राइम इंफो डॉट कॉम) को भी दिखाई।
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Bhopal Moneylander Death Case
यहां मिली थी प्रभाकर की लाश

बाइक पर दिखा था आखिरी बार
प्रभाकर अक्सर एन—2 ई—सेक्टर के नजदीक बने धार्मिक स्थल पर जाकर रुकता था। यहां जीएस सिद्धार्थ रहता था। जब से प्रभाकर की मौत हुई है वहां उसने उठना—बैठना भी बंद कर दिया है। जहां खंडहर में लाश मिली थी उसके भीतर और बाहर महंगी शराब की बोतले के खाली रैपर मिले हैं। पत्नी नैना का यह भी कहना है कि जब प्रभाकर ने शराब पी थी तो उसकी बोतल मौके पर क्यों नहीं मिली। प्रभाकर की लाश जहां मिली थी उसके नजदीक ही एक पंजाब में रहने वाला परिवार रहता है। जिसने आखिरी बार प्रभाकर को बाइक पर एक व्यक्ति के साथ जाते हुए देखा था। वह व्यक्ति कौन है इसका पता पुलिस ने नहीं लगाया है।
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संदेहियों ने बताए दो अन्य नाम
इस मामले में संदेही एसके झामुरे से भी बातचीत की गई। उन्होंने पहले तो बात करने से इनकार कर दिया। वे कहने लगे कि इस मामले में वे सबकुछ पुलिस को बता चुके हैं। फिर अचानक ठहरकर उन्होंने बातचीत शुरु की। झामुरे का दावा है कि उन्होंने प्रभाकर को प्रमोद और सूरज नाम के दो व्यक्तियों के साथ आखिरी बार छोड़ा था। झामुरे ने कहा कि मैं उसे घर से लेकर आया था। हम पांच लोगों ने बैठकर एंजाय किया था। प्रभाकर ने आखिरी बार कुछ काम का बताकर हम लोगों को जाने के लिए बोला था। इसके बाद उससे कोई संपर्क नहीं हुआ। इस संबंध में जीएस सिद्धार्थ से बातचीत की कोशिश की गई। लेकिन, वे उपलब्ध नहीं हो सके।

इस शब्द का पुलिस ले रही सहारा
प्रभाकर दरेकर की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। लेकिन, उसने अपना एक नतीजा निकाल लिया है। वह मामले में खात्मा लगाने के लिए एक बहुत ही पुरानी कहानी को लेकर परिवार के सामने आई है। पुलिस ने प्रभाकर की पत्नी नैना से जांच के बाद यह बताया है कि उसने पहले जहर खाया था। नैना का कहना है कि यह बात उसको पहले से ही मालूम है। जब प्रभाकर ने ऐसा किया था तब उसके पीछे कारण था। लेकिन, अभी कोई कारण ऐसा नहीं है जिससे यह साबित हो कि वह मजबूर था। पत्नी ने कहा है कि वह कारण जानना चाहती है। यदि पुलिस ठोस कारण बता दे तो मुझे स्वीकार हो जाएगा कि उसने आत्महत्या की है। नैना का कहना है कि पुलिस के अफसरों ने उससे कहा है कि टेंडेसी की वजह से उसने सुसाइड करने का प्रयास किया है। पुलिस इसी टेंडेसी शब्द का इस्तेमाल करके मौत की केस डायरी को बंद करना चाहती है।

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यह है पुलिस जिसने जांच तो नहीं कि लेकिन वह रिपोर्टिंग करते वक्त तुरंत ऐसे पहुंची जैसे वहां कोई बड़ा अपराध हुआ है

पुलिस को इतना डर क्यों
प्रभाकर की मौत के बाद पीएम रिपोर्ट में कोई स्पष्ट राय डॉक्टरों ने नहीं दी थी। इसलिए पुलिस ने उसका बिसरा जांच के लिए भेजा। बिसरा में यह पता चला है कि उसके शरीर में जहर के अंश पाए गए। थाना प्रभारी का कहना है कि अब इस बिसरा को नए सिरे से जांच के लिए भेजा जा रहा है। यानि पुलिस को जहर पर भी शक है। इस मामले में www.thecrimeinfo.com (द क्राइम इंफो डॉट कॉम) ने एक दिन की पड़ताल में ही वह सबकुछ मामला पता कर लिया जो पुलिस पिछले छह महीने से जांच कर रही है। जब मैदानी सच्चाई पता करने के लिए टीम उस जगह पर पहुंची जहां प्रभाकर की लाश मिली थी वहां पुलिस की डायल—100 भी मौके पर पहुंच गई।
उस वक्त मंदिर में रहने वाले दो लड़कों में से एक वह भी साथ में था जो आखिरी वक्त वाले दिन प्रभाकर के साथ थे। यह आरोपी प्रभाकर की पत्नी नैना के हैं। इसके बावजूद पुलिस पूरे मामले को बेहद हल्का दर्शा करके कुछ ​बातों को छुपा रही है। इसमें फायदा उस पीड़ित परिवार का है जिसका मुखिया चला गया या फिर पुलिस विभाग का। नैना का दावा है कि मंदिर में रहने वाले दो लड़के प्रभाकर के साथ हुई घटना की पूरी जानकारी रखते है। वे इस मामले में जरुर कुछ राज की बात को छुपा रहे हैं।
वीडियो में देखिए वह पुलिस जो फोन लगाने पर घंटों मौके पर नहीं पहुंचती है लेकिन रिपोर्टिंग करने के दौरान वह तुरंत पहुंच गई

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