TCI Exclusive : कोरोना संदिग्ध का सैंपल तक नहीं लिया, भोपाल में महिला निकली पॉजीटिव

Share

इटारसी सिविल हॉस्पिटल प्रबंधन की गंभीर लापरवाही उजागर

सांकेतिक फोटो

होशंगाबाद। जिले में इटारसी (Itarsi) कोरोना वायरस (Coronavirus) का हॉटस्पॉट (Hot Spot) बन चुका है। अब तक यहां 34 पॉजीटिव मामले सामने आ चुके है। इटारसी में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से पूरा जिला रेड जोन में है। जबकि इटारसी को छोड़कर जिले में कही भी कोई केस सामने नहीं आया है। इसके बावजूद इटारसी में सतर्कता नहीं बरती जा रही है। कोरोना संदिग्ध महिला के साथ बरती गई लापरवाही ने प्रशासन और स्वास्थ्य अमले के तमाम दावों की पोल खोल दी है। कोरोना संदिग्ध महिला को इटारसी के सिविल हॉस्पिटल (Civil Hospital Itarsi) के फीमेल वार्ड में 5 दिन तक भर्ती रखा गया। महिला को भोपाल रैफर किया गया जहां उसकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई है।

यह है पूरा मामला

20 अप्रैल को इटारसी के टीकण जमानी इलाके में रहने वाली 47 वर्षीय महिला को सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। महिला को हाथ-पैर में सूजन की शिकायत थी। उसे महिला जनरल वार्ड में एडमिट किया गया। डॉ. विकास ने महिला का चैकअप किया था। जिसके बाद उसे 5 दिन तक भर्ती रखा गया। जब 25 अप्रैल को महिला की हालत बिगड़ने लगी तो आनन-फानन में उसे भोपाल रैफर कर दिया गया। हमीदिया हॉस्पिटल (Hamidia Hospital Bhopal) में महिला का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया। 26 अप्रैल को महिला की रिपोर्ट कोविड-19 पॉजीटिव आई है।

ऐसे हुई लापरवाही

भोपाल पहुंचते ही महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आना बताता है कि प्राथमिक स्तर पर गंभीर लापरवाही बरती गई। इस मामले में कई सवाल उठ रहे है।

यह भी पढ़ें:   Bhopal Dowry Case: कर्जदारों से बचने के लिए पत्नी से मांगा दहेज

1- 20 अप्रैल से 25 अप्रैल तक महिला सिविल अस्पताल में भर्ती रही। इस दौरान उसकी स्क्रीनिंग क्यों नहीं की गई।  

2- 5 दिन तक उसका सैंपल क्यों नहीं किया गया।

3- क्या महिला में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं थे ?

जबकि सिविल हॉस्पिटल इटारसी के अधीक्षक डॉ. अरुण शिवानी ने द क्राइम इन्फो डॉट कॉम को बताया कि ‘महिला में कोरोना वायरस के लक्षण थे, इसलिए तो भोपाल रैफर किया गया।’ यानि महिला कोरोना संदिग्ध थी। ये बात अस्पताल प्रबंधन भी जानता था, लेकिन फिर भी सतर्कता नहीं बरती गई। उसे नॉर्मल मरीज की तरह ट्रीट किया गया। जबकि उसे आईसोलेशन वॉर्ड में भर्ती किया जाना था।

प्रोटोकॉल के मुताबिक महिला को भर्ती किए जाने के बाद उसकी प्रॉपर स्क्रीनिंग की जानी चाहिए थी। उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाना चाहिए था। रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर ही उसे हायर सेंटर में रैफर किया जाना चाहिए था।

लेकिन इटारसी में इस प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई गई। महिला को नॉर्मल वार्ड में भर्ती रखा गया। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक महिला को रैफर किए जाने तक किसी प्रकार की सतर्कता नहीं बरती गई, जैसी कोरोना संदिग्ध मरीजों के साथ बरती जाती है। लापरवाही की वजह से महिला के संपर्क में तमाम लोगों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है।

होशंगाबाद जिले के सीएमएचओ सुधीर जैसानी ने द क्राइम इन्फो को बताया कि ‘महिला अस्थमा से पीड़ित थी। इससे पहले भी एक महिला पीलिया से पीड़ित थी, जिसे भोपाल रैफर किया गया था, जिसके बाद उसकी रिपोर्ट भोपाल में कोरोना पॉजीटिव आई थी।’ बता दें कि सीएमएचओ भी इटारसी में ही डेरा डाले हुए है।

यह भी पढ़ें:   Bhopal News: मनचले का विरोध किया तो उसने महिला को धुना
Don`t copy text!